कमर्शियल ट्रक खरीदने की पूरी गाइड (लोन राशि, बैंक, दस्तावेज़, ब्याज दर, प्रोसेसिंग समय, चार्ज और जरूरी टिप्स)

कमर्शियल ट्रक लोन की अवधि आमतौर पर 12 महीने से 84 महीने (7 साल) तक होती है। लंबी अवधि में EMI कम होती है लेकिन कुल ब्याज ज़्यादा देना पड़ता है।

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10/21/20251 min read

भारत में ट्रक खरीदना किसी भी छोटे फ्लीट मालिक या नए ट्रांसपोर्टर के लिए बड़ा निवेश होता है। ज़्यादातर खरीदार ट्रक खरीदने के लिए बैंक या NBFC से लोन लेते हैं। इस लेख में हम बताएंगे — आपको कितना लोन मिल सकता है, कौन से बैंक या फाइनेंस कंपनियां लोन देती हैं, कौन-कौन से दस्तावेज़ चाहिए, ब्याज दरें क्या हैं, प्रोसेसिंग में कितना समय लगता है, और कितना खर्च आता है।

1) आपको कितना लोन मिल सकता है?

भारत में ज़्यादातर बैंक और फाइनेंस कंपनियां ट्रक की कीमत का 75% से 100% तक लोन देती हैं। कुछ बैंक (जैसे HDFC) 100% तक फाइनेंस की सुविधा भी देते हैं।
आम तौर पर खरीदार को 10%–25% तक डाउन पेमेंट करनी पड़ती है।

उदाहरण:
अगर ट्रक की ऑन-रोड कीमत ₹20 लाख है और बैंक 85% लोन देता है, तो आपको ₹17 लाख लोन मिलेगा और ₹3 लाख आपको खुद देना होगा।

2) कौन-कौन से बैंक या फाइनेंस कंपनी लोन देती हैं?

मुख्य बैंक:

  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)

  • HDFC बैंक

  • ICICI बैंक

  • एक्सिस बैंक

  • कोटक महिंद्रा बैंक

  • इंडसइंड बैंक

  • बैंक ऑफ बड़ौदा

प्रमुख NBFCs / वाहन फाइनेंस कंपनियां:

  • श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस

  • महिंद्रा फाइनेंस

  • HDB फाइनेंशियल सर्विसेज

  • टाटा कैपिटल

  • आईआईएफएल फाइनेंस

  • आईडीएफसी फर्स्ट बैंक

डीलर फाइनेंस:
टाटा मोटर्स, अशोक लेलैंड, आयशर जैसी कंपनियां अपने डीलरों के माध्यम से बैंक/NBFC के साथ टाई-अप लोन स्कीमें देती हैं, जिनसे लोन जल्दी मिल जाता है।

3) ब्याज दरें (Interest Rates)

लोन की ब्याज दर कई बातों पर निर्भर करती है — आपकी क्रेडिट हिस्ट्री, वाहन नया है या पुराना, और कौन सा बैंक लोन दे रहा है।

प्रकारब्याज दर (प्रतिवर्ष)पब्लिक/प्राइवेट बैंक (नए वाहन)7.5% – 12%NBFC / यूज़्ड ट्रक लोन12% – 24%

नोट: अगर आपका CIBIL स्कोर अच्छा है और डॉक्यूमेंट्स पूरे हैं, तो SBI या HDFC जैसे बैंक से 8–9% तक में लोन मिल सकता है।

4) लोन अवधि (Tenure)

कमर्शियल ट्रक लोन की अवधि आमतौर पर 12 महीने से 84 महीने (7 साल) तक होती है।
लंबी अवधि में EMI कम होती है लेकिन कुल ब्याज ज़्यादा देना पड़ता है।

5) जरूरी दस्तावेज़ (Documentation)

व्यक्तिगत/सैलरीधारक आवेदक के लिए:

  • आधार कार्ड, पैन कार्ड

  • पासपोर्ट/ड्राइविंग लाइसेंस (पता प्रमाण)

  • 3–6 महीने की सैलरी स्लिप

  • बैंक स्टेटमेंट (6 महीने)

  • फॉर्म-16 / नियोक्ता प्रमाणपत्र

  • डीलर का प्रो-फॉर्मा इनवॉइस

सेल्फ-एम्प्लॉयड / ट्रांसपोर्टर के लिए:

  • आधार और पैन कार्ड

  • ITR (पिछले 1–2 साल का) या GST रिटर्न

  • बैंक स्टेटमेंट (6–12 महीने)

  • बिजनेस प्रूफ (Udyam, MSME रजिस्ट्रेशन, आदि)

  • ट्रक का प्रो-फॉर्मा इनवॉइस या वैल्यूएशन रिपोर्ट (पुराने वाहन के लिए)

6) प्रोसेसिंग टाइम (लोन मंज़ूरी में लगने वाला समय)

  • नए वाहन डीलर स्कीम में: 24–72 घंटे में लोन अप्रूव और 2–3 दिन में डिस्बर्स।

  • सेल्फ-एम्प्लॉयड/यूज़्ड ट्रक: 3–10 कार्य दिवस तक लग सकते हैं।

देरी क्यों होती है:
अगर बैंक स्टेटमेंट या डॉक्यूमेंट अधूरे हैं, वाहन की वैल्यूएशन रिपोर्ट में गड़बड़ी है, या RC/इंश्योरेंस अपडेट नहीं है।

7) फीस और चार्जेस

प्रकारराशि / प्रतिशतप्रोसेसिंग फीस0.5% – 1.5% (कभी-कभी 3–5% तक)डॉक्यूमेंटेशन / स्टाम्प चार्ज₹500 – ₹4,000RC हाइपोथिकेशन / फाइल चार्ज₹200 – ₹2,500प्रीपेमेंट / फोरक्लोज़र चार्जलोन समझौते पर निर्भर

उदाहरण: SBI आमतौर पर 0.5% + GST प्रोसेसिंग फीस लेता है।

8) EMI का उदाहरण

लोन राशि: ₹20,00,000
ब्याज दर: 9% प्रतिवर्ष
अवधि: 60 महीने (5 वर्ष)

मासिक ब्याज दर = 9 ÷ 12 = 0.75%
EMI = ₹41,517 (लगभग)
कुल भुगतान = ₹24,91,000
कुल ब्याज = ₹4,91,000 (लगभग)

9) लोन सस्ता कैसे करें (टिप्स)

  • कई बैंक से कोटेशन लें – हर बैंक की शर्तें अलग होती हैं।

  • त्योहार ऑफर या प्रोसेसिंग फीस माफी वाले ऑफर देखें।

  • अच्छा CIBIL स्कोर बनाए रखें।

  • कम अवधि का लोन चुनें – EMI थोड़ी ज़्यादा लेकिन ब्याज बचता है।

  • प्रीपेमेंट क्लॉज़ पढ़ें – कुछ बैंक जल्दी चुकाने पर चार्ज लगाते हैं।

10) आवेदन से पहले चेकलिस्ट

✅ प्रो-फॉर्मा इनवॉइस (डीलर से)
✅ KYC डॉक्यूमेंट (PAN, Aadhaar, फोटो)
✅ बैंक स्टेटमेंट (6 महीने)
✅ ITR/GST रिटर्न
✅ साइन किया हुआ आवेदन पत्र
✅ पोस्ट-डेटेड चेक / ECS फॉर्म
✅ प्रोसेसिंग फीस रसीद

11) ध्यान रखने योग्य बातें

  • पुराने वाहन का लोन लेते समय RC साफ होनी चाहिए — किसी पुराने बकाये या लोन से मुक्त।

  • फ्लोटिंग ब्याज दर समय-समय पर बदल सकती है (RBI दरों पर निर्भर)।

  • RC और इंश्योरेंस वैध होना चाहिए — नहीं तो लोन डिस्बर्स नहीं होगा।

12) शुरुआती कदम (Action Plan)

1️⃣ सभी डॉक्यूमेंट तैयार रखें।
2️⃣ डीलर से प्री-अप्रूव्ड ऑफर पूछें।
3️⃣ SBI, HDFC और किसी NBFC से तीन कोटेशन तुलना करें।
4️⃣ बैंक प्रतिनिधि से कागज़ जमा करें और लोन मंज़ूरी लें।
5️⃣ सैंक्शन लेटर में प्रोसेसिंग फीस, ब्याज दर और शर्तें ध्यान से पढ़ें।

निष्कर्ष

भारत में ट्रक लोन लेना अब पहले से कहीं आसान है। अगर आपके डॉक्यूमेंट साफ़ हैं और आप सही बैंक चुनते हैं, तो 2–5 दिनों में लोन मंज़ूर और वाहन डिलीवरी हो सकती है।
हमेशा ध्यान रखें — ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस और लोन अवधि तय करते समय अपनी मासिक कमाई और ट्रक की ऑपरेटिंग लागत को भी शामिल करें।